भ्रष्टाचार आम इंसान से लेकर खास तक को अपने मकड़ जाल में समेट चूका है ! पूरा देश जहाँ रिश्वतखोरी व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की बात कर रहा है वहीँ यह अटल सत्य है सरकारी संस्थानों सहित निजी संस्थानों में भी रिश्वत खोरी आम बात हो चुकी है ! रिश्वत खोरो के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की बात की जाती है ! जब की महत्वपूर्ण जगहों पर उनका ही बोल बाला है ! एक इमानदार व्यक्ति अपने कार्यो की पूर्ति के लिए महीनो संस्थान का गणेश परिक्रमा करने के लिए बाध्य है! जब की सेटिंग वाले बन्दे उसी कार्य को मन चाहे समय में संपादित करा लेते हैं ! बढती जरूरते व महंगाई की मार झेल रहे आम इन्सान को बस रोटी की फ़िक्र होती है ! वह चाहें जैसे मिले !